हर बुलंद सफर का कभी तो विश्राम तय है। हर बुलंद सफर का कभी तो विश्राम तय है।
एक मंजिल की तलाश में कुछ दूर चला आया हूँ मैं! एक मंजिल की तलाश में कुछ दूर चला आया हूँ मैं!
तुम देर रातां तक ख़यालों में दौड़ीं। तुम देर रातां तक ख़यालों में दौड़ीं।
सुना है ईद आई थी कई लोग खुश भी थे हुस्न ओ कीमती लिबासों में बिखरे हुए मुबारकबाद देते थे कई हसीन हाथो... सुना है ईद आई थी कई लोग खुश भी थे हुस्न ओ कीमती लिबासों में बिखरे हुए मुबारकबाद ...
आखिर कौन है वो जो आईना पहने फिरता है आखिर कौन है वो जो आईना पहने फिरता है
यहाँ तुझे भूलने की कोशिश में मैं वहाँ और याद आ रहा हूँ । यहाँ तुझे भूलने की कोशिश में मैं वहाँ और याद आ रहा हूँ ।